सत्य की पहली किरण | Satya Ki Pahli Kiran के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : सत्य की पहली किरण है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 824 KB है | पुस्तक में कुल 117 पृष्ठ हैं |नीचे सत्य की पहली किरण का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सत्य की पहली किरण पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Satya Ki Pahli Kiran | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 824 KB | This Book has 117 Pages | The Download link of the book "Satya Ki Pahli Kiran " is given above, you can downlaod Satya Ki Pahli Kiran from the above link for free | Satya Ki Pahli Kiran is posted under following categories history |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
जीवन ही परमात्मा है। जीवन के अतिरिक्त कोई परमात्मा नहीं। जो जीवन को जी ने की कला लेते हैं, वे प्रभू के मंदिर के निकट पहुंच जाते हैं। और जो जीवन से भी गते हैं वे जीवन से तो वंचित होते ही हैं, परमात्मा से भी वंचित हो जाते हैं। परमा त्मा अगर कहीं है तो जीवन के मंदिर में विराजमान है और जिन्हें भी उस मंदिर में प्रवेश करना है, वे जीवन के प्रति धन्यता का बांध आनंद और अनुग्रह का भाव ले कर ही प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन आज तक ठीक इससे उल्टी बात समझायी गयी है। आज तक समझाया गया है, जीवन से पलायन (एस्केप) जीवन से पीठ फेर लेना , जीवन से दूर हट जाना, जीवन से मुक्ति की कामना। आज तक यही सब सिखाया गया है |