श्री कृष्ण दर्शन | Shri Krishan Darshan

श्री कृष्ण दर्शन | Shri Krishan Darshan

श्री कृष्ण दर्शन | Shri Krishan Darshan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्री कृष्ण दर्शन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 02.4 MB है | पुस्तक में कुल 75 पृष्ठ हैं |नीचे श्री कृष्ण दर्शन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्री कृष्ण दर्शन पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Shri Krishan Darshan | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 02.4 MB | This Book has 75 Pages | The Download link of the book "Shri Krishan Darshan" is given above, you can downlaod Shri Krishan Darshan from the above link for free | Shri Krishan Darshan is posted under following categories dharm |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 02.4 MB
कुल पृष्ठ : 75

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

जितना मनुष्य जन्म दुर्लभ है उससे भी ज्यादा मनुष्यता दुर्लभ है और उससे भी ज्यादा मानुषी शरीर से, मन से, बुद्धि से पार परमात्मदेव का साक्षात्कार दुर्लभ है। श्रीकृष्ण के अवतार से यह परम दुर्लभ कार्य सहज सुलभ हो पाया। राजसी वातावरण में, युद्ध के मैदान में किंकर्तव्यमूढ अवस्था में पड़ा अर्जुन आत्मज्ञान पाकर 'नष्टो मोहः स्मृतिर्लब्धा' अपने आत्मवैभव को पाकर सारे कर्मबन्धनों से छूट गया। जीते जी मुक्ति का ऐसा दुर्लभ अनुभव कर पाया। श्रीकृष्ण को अगर मानुषी दृष्टि से देखा जाये तो वे आदर्श पुरूष थे। उनका उद्देश्य था मनुष्यत्व का आदर्श उपस्थित करना।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.