श्री संतोषी माँ चालीसा | Shri Santoshi Maa Chalisa

श्री संतोषी माँ चालीसा | Shri Santoshi Maa Chalisa

श्री संतोषी माँ चालीसा | Shri Santoshi Maa Chalisa के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्री संतोषी माँ चालीसा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 200 KB है | पुस्तक में कुल 2 पृष्ठ हैं |नीचे श्री संतोषी माँ चालीसा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्री संतोषी माँ चालीसा पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Shri Santoshi Maa Chalisa | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 200 KB | This Book has 2 Pages | The Download link of the book "Shri Santoshi Maa Chalisa" is given above, you can downlaod Shri Santoshi Maa Chalisa from the above link for free | Shri Santoshi Maa Chalisa is posted under following categories dharm |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 200 KB
कुल पृष्ठ : 2

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

जय संतोषी माँ जग जननी, खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी.गणपति देव तुम्हारे ताता, रिधि-सिधि कहलावहं माता. मात-पिता की रहो दलारी, कीरति केहि विधि कहँ तुम्हारी. क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी, कानन कुण्डल की छवि न्यारी. सोहत अंग छटा छवि प्यारी, सुन्दर चीर सुन्हरी धारी. आप चतुर्भुज सुघड़ विशाला, धारण करहु गले वन माला. निकट है गौ अमित दुलारी, करहू मयूर आप असवारी. जानत सबही आप प्रभुताई, सुर नर मुनि सब करहिं बढ़ाई. तुम्हरे दरश करत क्षण माई, दुख दरिद्र सब जाय नसाई. वेद पुराण रहे यश गाई |

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.