श्री सरस्वती चालीसा | Shri Saraswati Chalisa

श्री सरस्वती चालीसा | Shri Saraswati Chalisa

श्री सरस्वती चालीसा | Shri Saraswati Chalisa के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्री सरस्वती चालीसा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 200 KB है | पुस्तक में कुल 2 पृष्ठ हैं |नीचे श्री सरस्वती चालीसा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्री सरस्वती चालीसा पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

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पुस्तक का साइज : 200 KB
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जय श्रीसकल बुधि बलरासी. जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी जय जय जय वीणाकर धारी करती सदा सुहंस सवारी. रुप चतुर्भुज धारी माता सकल विश्व अन्दर विख्याता जग में पाप बुधि जब होती तबही धर्म की फ़ीकी ज्योति तबहि मातु का निज अवतारा पाप हीन करती महितारा.बाल्मिकि जी थे हत्यारा. तव प्रसाद जानै संसारा रामचरित जो रचे बनाई. आदि कवि पदवी को पाई. कालीदास जो भये विख्याता, तेरी कृपा दृष्टि से माता, तुलसी सूर आदि विद्वाना |

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