श्रीविष्णु सहस्त्रनाम | ShriVishnu Sahastranam

श्रीविष्णु सहस्त्रनाम : शंकराचार्य | ShriVishnu Sahastranam : Shankarachrya

श्रीविष्णु सहस्त्रनाम : शंकराचार्य | ShriVishnu Sahastranam : Shankarachrya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्रीविष्णु सहस्त्रनाम है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shankaracharya | Shankaracharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 7.9 MB है | पुस्तक में कुल 289 पृष्ठ हैं |नीचे श्रीविष्णु सहस्त्रनाम का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्रीविष्णु सहस्त्रनाम पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu

Name of the Book is : ShriVishnu Sahastranam | This Book is written by Shankaracharya | To Read and Download More Books written by Shankaracharya in Hindi, Please Click : | The size of this book is 7.9 MB | This Book has 289 Pages | The Download link of the book "ShriVishnu Sahastranam" is given above, you can downlaod ShriVishnu Sahastranam from the above link for free | ShriVishnu Sahastranam is posted under following categories dharm, hindu |


पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 7.9 MB
कुल पृष्ठ : 289

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आचार्यको यह भाष्य ज्ञानियों और भक्तों दोनों के लिये हो परम आदरकी वस्तु है।
पूज्यपाद स्वामीजी श्रीभोलेबाबा जीने भाष्यका हिन्दी-भोपान्तरकर पाठकपर अहा उपकार किया है। मेरी प्रार्थना है कि पाठक इसका अध्यपन और मनन करके विशेष लाभ उठाने ।
गंगा दशहरा
)
हनुमानप्रसाद पोद्दार कल्याण-सम्पादक
प्रथम बारका निवेदन बहुत दिन हुए, पायपाद स्वामौजा महाराजने पापूर्वक भाष्य हिन्द-अनुवाद करके भेज दिया था । कः कारणम् प्रकाशनम जिल्टम्व हो गया । प्रेमी-झनने बार-बार पत्र लिखकर नार्कद की । हपको बात है कि अब गई पाठ के सम्मुख वा जा रहा है । इसके संशोधन आदिम पं० श्री चण्डीप्रसाद नी शुक, प्रि० गयन्दका संस्कृत विद्यालय काशी एवं श्रीमुनिलाउज आदि सजनन विप सहायता दी हैं इसके लिये गताप्रेम उनका कृतज्ञ हैं ।
प्रकाशक
द्वितीय वारका निवेदन सहस्रनामका यह दुमरा संस्करण प्रकाशित हो रहा है । प्रथम संस्करण इतनी जल्दी समाप्त हो गया यह हकी बात है।
प्रकाशक

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