उर्दू का बेहतरीन हास्य व्यंग्य | Urdu Ka Behtarin Hasya Vyangya

उर्दू का बेहतरीन हास्य व्यंग्य | Urdu Ka Behtarin Hasya Vyangya

उर्दू का बेहतरीन हास्य व्यंग्य | Urdu Ka Behtarin Hasya Vyangya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : उर्दू का बेहतरीन हास्य व्यंग्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 09.0 MB है | पुस्तक में कुल 146 पृष्ठ हैं |नीचे उर्दू का बेहतरीन हास्य व्यंग्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | उर्दू का बेहतरीन हास्य व्यंग्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : comedy

Name of the Book is : Urdu Ka Behtarin Hasya Vyangya | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 09.0 MB | This Book has 146 Pages | The Download link of the book "Urdu Ka Behtarin Hasya Vyangya " is given above, you can downlaod Urdu Ka Behtarin Hasya Vyangya from the above link for free | Urdu Ka Behtarin Hasya Vyangya is posted under following categories comedy |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 09.0 MB
कुल पृष्ठ : 146

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

एक दिन मिज़ साहब और मैं बरामदे में साथ-साथ कुर्सियाँ डाले चुपचाप बैठे थे। जब दोस्ती बहुत पुरानी हो जाय तो बात-चीत की कुल वैसी जरूरत बाकी नहीं रहती और दोस्त एक-दूसरे की खामोशी से भी लुत्फ़ उठा सकते हैं । यही हालत हमारी थी । हम दोनों अपने-अपने विचारों में हुबे थे । मिज़ साहब तो खुदा जाने क्या सोच रहे थे, लेकिन मैं जमाने के जल्मो -सितम पर ग़ौर कर रहा था । दूर सड़क पर थोड़े-थोड़े समय के बाद एक मोटर कार गुज़र जाती थी।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.