माण्डूक्य उपनिषद् | Mandukya Upanishad के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : माण्डूक्य उपनिषद् है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Krishnanand Budholiya | Shri Krishnanand Budholiya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Krishnanand Budholiya | इस पुस्तक का कुल साइज 12 MB है | पुस्तक में कुल 77 पृष्ठ हैं |नीचे माण्डूक्य उपनिषद् का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | माण्डूक्य उपनिषद् पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Knowledge
Name of the Book is : Mandukya Upanishad | This Book is written by Shri Krishnanand Budholiya | To Read and Download More Books written by Shri Krishnanand Budholiya in Hindi, Please Click : Shri Krishnanand Budholiya | The size of this book is 12 MB | This Book has 77 Pages | The Download link of the book "Mandukya Upanishad" is given above, you can downlaod Mandukya Upanishad from the above link for free | Mandukya Upanishad is posted under following categories dharm, Knowledge |
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मन्त्रों में बीज, शक्ति, कीलक का प्रयोग वैदिक मन्त्रों की अपेक्षा | अधिक है। वैदिक मन्त्रों में भी कहीं फट्, वषट्, स्वाहा आदि बीजों का प्रयोग भी आगमिक मन्त्रों के समान उपलब्ध होता है। बीज आदि का ज्ञान आलौकिक अनुभूति के अधीन है। अनेकों वैदिक मन्त्रों का विनियोग तान्त्रिक पद्धति से होता है। महर्षि का सर्वविदित षात्रिंशादिक गौरीव' शाक्त सत्र यद्यपि तान्त्रिक है तथापि इसका ब्राह्मण ने अङ्गीकार किया है। इस विषय की आलोचना से यह स्पष्ट हो जाता है कि वैदिक धर्म एवं आगम का सहोदरत्व सिद्ध है।