श्रमण सूक्त | Shraman Sukta के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : श्रमण सूक्त है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shrichand Rampuriya | Shrichand Rampuriya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shrichand Rampuriya | इस पुस्तक का कुल साइज 7 MB है | पुस्तक में कुल 494 पृष्ठ हैं |नीचे श्रमण सूक्त का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्रमण सूक्त पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Shraman Sukta | This Book is written by Shrichand Rampuriya | To Read and Download More Books written by Shrichand Rampuriya in Hindi, Please Click : Shrichand Rampuriya | The size of this book is 7 MB | This Book has 494 Pages | The Download link of the book " Shraman Sukta " is given above, you can downlaod Shraman Sukta from the above link for free | Shraman Sukta is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
इस साधना-काल में उन्हें अनेक कष्ट उठाने पड़े। वे सर्प आदि जीव-जंतु और गीध आदि पक्षियों द्वारा काटे गये । हथियारो से पीटे गये। विषयातुर स्त्रियों ने उन्हें मोहित करने की चेष्टाए की । इन सभी स्थितियों में वर्द्धमान आत्म-समाधि में लीन रहे। लोग उनके पीछे कुत्ते लगा देते, उन्हें दुर्वचन कहते, लकडियो, मुट्ठियो. भाले की अणियो, पत्थर तथा हडियो के खप्परो से पीटकर उनके शरीर में घाव कर देते ध्यान अवस्था में होते तब लोग उन पर धूल बरसाते, उन्हें ऊचा उठाकर नीचे गिरा देते, आसन पर से नीचे ढकेल देते।