बेंजामिन फ्रेंकलिन का जीवन चरित्र | Benjamin Franklin Ka Jeevan Charitra

बेंजामिन फ्रेंकलिन की जीवनी : अज्ञात | Benjamin Franklin Ki Jeevani : Unknown |

बेंजामिन फ्रेंकलिन की जीवनी : अज्ञात | Benjamin Franklin Ki Jeevani : Unknown | के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : बेंजामिन फ्रेंकलिन का जीवन चरित्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 18.7 MB है | पुस्तक में कुल 542 पृष्ठ हैं |नीचे बेंजामिन फ्रेंकलिन का जीवन चरित्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | बेंजामिन फ्रेंकलिन का जीवन चरित्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : Biography, Knowledge

Name of the Book is : Benjamin Franklin Ka Jeevan Charitra | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 18.7 MB | This Book has 542 Pages | The Download link of the book "Benjamin Franklin Ka Jeevan Charitra" is given above, you can downlaod Benjamin Franklin Ka Jeevan Charitra from the above link for free | Benjamin Franklin Ka Jeevan Charitra is posted under following categories Biography, Knowledge |


पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 18.7 MB
कुल पृष्ठ : 542

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मूल लेखक की प्रस्तावना
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( प्रथमावृत्ति )
जामिन फ्रेंकलिन का नाम अमेरिका के इतिहास में ३५ पट्टस प्रसिद्ध है। उसके जीवन से सम्बन्ध रखने
* वाली घटनाएँ वड़ी मनोरंजक और शिक्षाप्रद है।
उसके जीवन-वृत्त से प्रत्येक व्यक्ति को अनुकरण फरने योग्य अथवा शिक्षा लेने योग्य कुछ न कुछ यात अवश्य मिलती है। स्वाध्याय तथा निरन्तर उद्योग से मनुष्य कितनी उन्नति करके फैसे २ उपयोगी कार्य कर सफता है इसके उसके जीवन से अपूर्व इदाहरण मिलते हैं।
अंग्रेजी भाषा में फेंकलिन के चरित्र पर बहुत कुछ लिखा गया है, जिनका मुख्य आधार इसका स्वयं लिखा हुअा अात्म-चरित्र ही है। अपनी ६५ वर्ष की आयु में सन् १७७९ में जय वह इंग्लैण्ड में अपने परममित्र सेन्ट एसपक्ष के पादरी के पास रहता था उस समय अपने पुत्र न्यूजर्स के गवर्नर को लिखे हुए पत्र के रूप में ससने अपना जीवन-वृत्त लिखना आरम्भ किया था। वह अपने विवाह के समय का अर्थान् अपनी २६ वर्ष की अवस्था का वृत्तान्त दिख ही रहा था कि उसको लन्दन जाना पड़ा, इसके पश्चान् तेरह

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5 Comments
  1. Mahendra. M. Raval says

    बहुत बहुत धन्यवाद और अभिनंदन।
    आपका प्रयास उपयोगी और जानकारी सभर रहा । माहिती हिंदी में होने से बहुत मात्रा में लोगों को उपयोगी साबित होगा ।
    ?

  2. Mahendra. M. Raval says

    बहुत बहुत धन्यवाद और अभिनंदन।
    आपका प्रयास उपयोगी और जानकारी सभर रहा । माहिती हिंदी में होने से बहुत मात्रा में लोगों को उपयोगी साबित होगा ।
    ?

  3. shaini Kadampil says

    Please provide Benjamin’s autobiography…

  4. justcool says

    Link not working

  5. Harry potter books says

    Very nice site with lot of good stuff.
    Thanks.

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