गायत्री का ब्रह्मवर्चस | Gayatri Ka Brhamvarchas

गायत्री का ब्रह्मवर्चस | Gayatri Ka Brhamvarchas

गायत्री का ब्रह्मवर्चस | Gayatri Ka Brhamvarchas के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : गायत्री का ब्रह्मवर्चस है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Ram Sharma Acharya | Shri Ram Sharma Acharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 02.5 MB है | पुस्तक में कुल 57 पृष्ठ हैं |नीचे गायत्री का ब्रह्मवर्चस का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गायत्री का ब्रह्मवर्चस पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Knowledge

Name of the Book is : Gayatri Ka Brhamvarchas | This Book is written by Shri Ram Sharma Acharya | To Read and Download More Books written by Shri Ram Sharma Acharya in Hindi, Please Click : | The size of this book is 02.5 MB | This Book has 57 Pages | The Download link of the book " Gayatri Ka Brhamvarchas" is given above, you can downlaod Gayatri Ka Brhamvarchas from the above link for free | Gayatri Ka Brhamvarchas is posted under following categories dharm, Knowledge |


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पुस्तक का साइज : 02.5 MB
कुल पृष्ठ : 57

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आत्मा में सन्निहित ब्रह्मवर्चस का जागरण करने के लिए गायत्री उपासना आवश्यक है । यों समी के भीतर सत्-तत्व बीज रूप में विद्यमान है। पर उसका जागरण जिन तपश्चर्याओं द्वारा सम्भव होता है, उनमें गायत्री उपासना ही प्रधान है । हर आस्तिक को अपने में ब्रह्म तेज उत्पन्न करना चाहिए । जिसमें जितना ब्रह्म-तत्व अवतरित होगा, वह उतने ही अंशों में ब्राह्मणत्व का अपिकारी होता जायेगा जिसने आदर्शमय जीवन का व्रत लिया है, व्रतबंघ,यज्ञोपवीत धारण किया है, वे सभी व्रतधारी अपनी आत्मा में प्रकाश उत्पन्न करने के लिए गायत्री उपासना निरन्तर करते रहें, यही उचित है ।

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