हमारे साहित्य में हास्य रस | Hamare Sahitya Me Hasya Ras

हमारे साहित्य में हास्य रस | Hamare Sahitya Me Hasya Ras

हमारे साहित्य में हास्य रस | Hamare Sahitya Me Hasya Ras के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : हमारे साहित्य में हास्य रस है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Krishna Kumar Srivastava | Krishna Kumar Srivastava की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 11.1 MB है | पुस्तक में कुल 321 पृष्ठ हैं |नीचे हमारे साहित्य में हास्य रस का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हमारे साहित्य में हास्य रस पुस्तक की श्रेणियां हैं : education

Name of the Book is : Hamare Sahitya Me Hasya Ras | This Book is written by Krishna Kumar Srivastava | To Read and Download More Books written by Krishna Kumar Srivastava in Hindi, Please Click : | The size of this book is 11.1 MB | This Book has 321 Pages | The Download link of the book "Hamare Sahitya Me Hasya Ras " is given above, you can downlaod Hamare Sahitya Me Hasya Ras from the above link for free | Hamare Sahitya Me Hasya Ras is posted under following categories education |


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पुस्तक का साइज : 11.1 MB
कुल पृष्ठ : 321

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अभी अभी आप के सामने इसी स्थान से अकत्रर इलाहावादी अपने पीतल के बंधने में मांजे धोकर पानी ले गये कुछ लोग अभी उधर ही ताक रहे हैं। वह देखिये कुछ लोग आपके सामने ही अपने अपने कुल्हड़ लिये खड़े हैं जिनमें से अधिकांश टपक रहे हैं। बहुतेरे तो चुल्लू ही भर कर आगे जा रहे हैं और उनके पीछे उनके साथी प्रसन्न होकर दौड़ रहे हैं। उनकी करतल वनि और डेफली के शोर से आकाश गंज रहा है। वे चिल्ला रहे हैंतुम महर्षि हो, तुम जहू, हो, तुम अगस्त हो, तुम इस जल को सुखी सकते हो। तुम को लाख लाख प्रणाम है।

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