हिंदी-साहित्य का गद्य-काल | Hindi Sahitya Ka Gaddh Kaal

हिंदी-साहित्य का गद्य-काल | Hindi Sahitya Ka Gaddh Kaal

हिंदी-साहित्य का गद्य-काल | Hindi Sahitya Ka Gaddh Kaal के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : हिंदी-साहित्य का गद्य-काल है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Ganeshprasad Dwivedi | Shri Ganeshprasad Dwivedi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 29.8 MB है | पुस्तक में कुल 260 पृष्ठ हैं |नीचे हिंदी-साहित्य का गद्य-काल का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिंदी-साहित्य का गद्य-काल पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

Name of the Book is : Hindi Sahitya Ka Gaddh Kaal | This Book is written by Shri Ganeshprasad Dwivedi | To Read and Download More Books written by Shri Ganeshprasad Dwivedi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 29.8 MB | This Book has 260 Pages | The Download link of the book "Hindi Sahitya Ka Gaddh Kaal" is given above, you can downlaod Hindi Sahitya Ka Gaddh Kaal from the above link for free | Hindi Sahitya Ka Gaddh Kaal is posted under following categories history |


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पुस्तक का साइज : 29.8 MB
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हिंदी भाषा की उत्पत्ति यद्यपि नवम शताब्दी ही में हो गई थी परन्तु गद्य में साहित्य का पता कई शताब्दियों के पश्चात् से चलता है। अभी तक हिंदी के सर्वप्रथम गद्य-लेखक गुरु गोरखनाथ जी ही माने जा रहे हैं। इनका रचना-काल १५ वीं शताब्दी का आदि भाग माना जाता है । इनके पहले हिंदीगद्य लेखक या तो हुए ही नहीं और यदि हुए भी तो उनके ग्रन्थों का पता अब तक नहीं लग सका है। इनके पहले के हिंदी गद्य के स्वरूप में हमें महाराज पृथ्वीराज आदि के कुछ पत्र या परवाने आदि मिलते हैं। यह समय १२ वीं शताब्दी का है और यदि इन्हीं परवानों और आज्ञापत्रों ही से गद्य-साहित्य की उत्पत्ति मानते हैं |

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