जगजीवन साहेब की बानी भाग – १ | Jagjeevan Saheb Ki Bani Part – 1 के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : जगजीवन साहेब की बानी भाग – १ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 28.5 MB है | पुस्तक में कुल 90 पृष्ठ हैं |नीचे जगजीवन साहेब की बानी भाग – १ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जगजीवन साहेब की बानी भाग – १ पुस्तक की श्रेणियां हैं : Biography
Name of the Book is : Jagjeevan Saheb Ki Bani Part – 1 | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 28.5 MB | This Book has 90 Pages | The Download link of the book "Jagjeevan Saheb Ki Bani Part – 1 " is given above, you can downlaod Jagjeevan Saheb Ki Bani Part – 1 from the above link for free | Jagjeevan Saheb Ki Bani Part – 1 is posted under following categories Biography |
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जगजीवन साहब जाति के क्षत्री थे और सरहदा गाँव में जो बाराबंकी (अवध) के जिले में सरजू नदी के किनारे कोटवा से दो कोस की दूरी पर बसा है जन्म लिया था। ठीक समय इन के जन्म और मरन का मालूम नहीं होता लेकिन हिसाब करने से अनुमान दो सौ बरस पहिले उनका प्रगट होना और १४० बरस गुप्त हुए होना पाया जाता है। इसका प्रमान पादरी जान टामस के लेख से भी मिलता है जिन्होंने लिखा है कि जग जीवन साहब ने सत्तन।मी मत को चलाया और बिक्रमी संबत १८१७ मुताबिक ईसवी सन १७६१ में ज्ञान प्रकाश नामी ग्रंथ लिखा। इस हिसाब से उस ग्रंथ को रचे १४७ बरस हए । पादरी साहब ने जगजीवन साहब की जाति खत्री लिखी है पर यह भूल जान पड़ती है उन्होंने क्षत्री को खत्री समझा।