शक्ति वर्तमान और भविष्य | Shakti Vartman Aur Bhavishya

शक्ति वर्तमान और भविष्य : एफ एस टैलर | Shakti Vartman Aur Bhavishya : F S Teller

शक्ति वर्तमान और भविष्य : एफ एस टैलर | Shakti Vartman Aur Bhavishya : F S Teller के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : शक्ति वर्तमान और भविष्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : F S Teller | F S Teller की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 21.5 MB है | पुस्तक में कुल 206 पृष्ठ हैं |नीचे शक्ति वर्तमान और भविष्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | शक्ति वर्तमान और भविष्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, science

Name of the Book is : Shakti Vartman Aur Bhavishya | This Book is written by F S Teller | To Read and Download More Books written by F S Teller in Hindi, Please Click : | The size of this book is 21.5 MB | This Book has 206 Pages | The Download link of the book "Shakti Vartman Aur Bhavishya" is given above, you can downlaod Shakti Vartman Aur Bhavishya from the above link for free | Shakti Vartman Aur Bhavishya is posted under following categories Knowledge, science |


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पुस्तक का साइज : 21.5 MB
कुल पृष्ठ : 206

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हमारे देश में कोयले की स्थिति तो इतनी असन्तोषजनक नहीं है किन्तु तेल के एवं जलविद्युत् के उत्पादन में हम अब भी बहुत पिछवं हुए है, मद्यपि इस दिशा में भी अब, स्यान्त्रता-माप्ति के बाद से, हमने अधिक तेजी से प्रयत्न करना आरम्भ कर दिया है।
परमाणु शक्ति के क्षेत्र में अन्वेषण और विविध व्यावहारिक उपयोगों के सम्बन्ध में भी भारत बहुत पीछे नहीं है। संसार के पहले छः राष्ट्रों में उसका फम आता है। बम्बई के पास ट्रान्वे में जो परमाणु शक्ति का केन्द्र है, उसका काम काफी आगे बढ़ चुका है।
पुस्तक में उद्योगों के लिए, और घरेलू उपयोग के लिए भी, शक्ति-प्राप्ति के विविध स्रोतों का सम्यक विवेचन किया गया है जिससे आज की आवश्यकताओं तथा समस्याओं का दिग्दर्शन हो जाता है । लेखक ने ठीक ही कहा है कि हमारी अन्तिम प्रश्न निरन्तर यहीं रहना चाहिए कि हलके परमाणुओं की नाभिकीयों से क्या किया जा सकता है ? आपने जो यह आशा व्यक्त की है कि इसका उत्तर आनेवाले दशाब्द में अधिक स्पष्ट हो जायगा, उसके शीघ्र पूर्ण होने की सम्भावना भी दिखाई देने लगी हैं। जिस समय पुस्तक लिखी गयी थी, राकेट का अभियान ३५० मील की ऊँचाई तक ही सफल हो सका था, पर आज उसमे लगभग २।। लाख मोल अर्थात् मा से भी आगे बढ़ जाने का स्वप्न पूरा हो गया। आशा है, शक्ति के सम्बन्ध में वर्तमान तथा भावी स्थिति समझने में हमारे इस प्रकाशन से पाठकों को यथेष्ट सहायता मिलेगी।

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