द्रव्यहिंसा और भावहिंसा | Dravyhinsa Or Bhavhinsa

द्रव्यहिंसा और भावहिंसा | Dravyhinsa Or Bhavhinsa

द्रव्यहिंसा और भावहिंसा | Dravyhinsa Or Bhavhinsa के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : द्रव्यहिंसा और भावहिंसा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 15.1 MB है | पुस्तक में कुल 501 पृष्ठ हैं |नीचे द्रव्यहिंसा और भावहिंसा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | द्रव्यहिंसा और भावहिंसा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Dravyhinsa Or Bhavhinsa | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 15.1 MB | This Book has 501 Pages | The Download link of the book "Dravyhinsa Or Bhavhinsa" is given above, you can downlaod Dravyhinsa Or Bhavhinsa from the above link for free | Dravyhinsa Or Bhavhinsa is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


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पुस्तक का साइज : 15.1 MB
कुल पृष्ठ : 501

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शास्त्रकार यही बात बालजीवों के विषय में कहते हैं। अविवेकी जीव बच्चों के जैसे खेल खेला करता है। वह अपने मन में दूसरों के प्रति बुरे भाव, बुरे संकल्प पैदा करता है और उनके कारण अपने अन्दर मैल भर लेता है अन्तःकरण को मलीन बना लेता है। और आत्मा के गुणों की हत्या कर लेता है । क्रोध आया तो क्षमा की हत्या हो गई, अभिमान आया तो नम्रता को नाश हो गया, माया आई तो सरलता का संहार हो गया और लोभ आया तो सन्तोप का गला घुट गया।

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